Tag Archives: काव्‍य

दीवारों के पीछे की औरत

दीवारों के पीछे की औरत हरकीरत हीर सम्‍पर्क

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मन देश है तन परदेश

मन देश है तन परदेश शेर सिंह सम्‍पर्क

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डाली मोगरे की

मोगरे की भीनी-भीनी खुशबू से महकती शायरी की एक किताब ‘डाली मोगरे की’: के. पी. अनमोल ‘मोगरे की डाली’ के आस-पास बैठकर कभी हम अगर ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं को शायरी के ज़रिये फूलों की खुशबू की तरह महसूस करें! … पढना जारी रखे

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स्‍त्री होकर सवाल करती है

स्‍त्री होकर सवाल करती है डॉ लक्ष्‍मी शर्मा सम्‍पर्क

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खामोश चीखें

खामोश चीखें हरकीरत हीर सम्‍पर्क

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कहां से आये बंदर जी

कहां से आये बंदर जी आशा शैली सम्‍पर्क

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स्‍वागत

पुस्‍तक समीक्षा पर आपका स्‍वागत है । यहां पर प्राप्‍त पुस्‍तकों की समीक्षा की जाऐगी । अगर आप अपनी पुस्‍तक भेजना चाहें तो आप सम्‍पर्क कर सकतें हेै। इस मंच पर प्राप्‍त पुस्‍तकों को विक्रय के लिए भी निशुल्‍क उपलब्‍ध … पढना जारी रखे

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